________________ भाषाटीकासहित. . है, इसीसे पिताके आत्मस्वरूप उस कन्याके विद्यमान होनेपर पुत्र रहित मरेहुये पिताका धन पुत्रिकासे भिन्न दूसरा कैसे लेवै // 45 // ... अब विचारना चाहिये कि, जब पुत्र और कन्या बराबर है तो जिसप्रकार पुत्रको पढाते है उसी प्रकार पुत्रीकोभी पढाना चाहिये / एवं पुत्र और पुत्रीके बराबर होनेका अन्यभी प्रमाण सुनो, कि बेटेका बेटा अर्थात् पोता जिसप्रकार परलोकमें उपकार करता है उसी प्रकार बेटी का बेटाभी उपकार करता है, यथोक्तं श्लोक 133 // ___मूल-पौत्रदौहित्रयोलोंके न विषोऽस्ति धर्मतः॥ जयोर्हिमातापितरौ सम्भूतौ तस्य देहतः // 46 // अर्थ-धर्मसे देखो तो इस संसारमें पोते और धेवतेमें कुछ भेद नहीं है, क्योंकि उन दोनों में एकका पिता और दूसरेकी माता एकहीके देहसे उप्तन्न है, सो इस कारणसेभी पुत्र और पुत्री एक समान हुये, तो पुत्रकेस: P.P.AC.Gunratnasuri M.S Jun Gun Aaradhak Trust