________________ 192 स्त्रीचरित्र - राजकुलमे हुवा था, अहल्याबाई बहुत रुपवती तो न थी, .. परंतु उसके मुख पर एक दैवी तेज झलकता था, शरीर का रंग सांवला, और डील डाल बहुत ऊंचा न था, न बहुत छोटा था, अहल्याबाईको देखकर उसके मुख पर भोलापन और साधुत्व दर्शता था, परमात्माने अहल्याबाईको रूपवती वनानेके वदले दिव्य गुणोंसे विभूषित किया था, जिन गुणोंके सामने बाहिरी रूप आदि तुच्छ माने जाते है:___ अहल्याबाई विद्यावतीभी ऐसी थी कि जिसने माहा राष्ट्रीय मल्हाररावके वडे राज्यका प्रबन्ध तीस वर्षपर्यन्त अत्यन्त सावधानी और न्याय धर्मके साथ किया, इस मरहठी महारानी अहल्याबाईका विवाह मल्हारराव हुलकरके पुत्र खांडेरावके साथ हुआ, परन्तु खांडेराव अपने पिताके सामनेही मालीराव नामक पुत्र और मच्छाबाई नाम्नीपुत्रीको छोडकर सुरधाम सिधार गये थे, खांडेराव नामक पतिके मरनेके समय अहल्यावाईकी * अवस्था वीस वर्षको थी, अहल्याने विधवा होनेपर P.P.AC..Gunratnasuril Jun Gun Aaradhak Trust