________________ 1. स्त्रीचरित्र विद्याबुद्धि सुसभ्यता, धर्म धैर्य धन कोष॥ // 22 // गान्धारी शुभ कुलवती, पतिव्रत धर्मागार / सुखमें सुख दुखमें दुखी, रही स्वपति अनुसार // 23 // श्रीपटराणी रुक्मिणी, पतिव्रत धर्मनिकेत / तनमन धन अर्पणकियो, कंत प्रेमके हेत॥२४॥ पार्वती शुभ गुणवती, कंतप्रेम आधार / जिहि गुण सुन शिक्षा लहै, सब कुलवंती नार // 25 // विद्यानिधि लीलावती,भारत जीवन प्राण। तासु रचित पुस्तक सुभग, मानत सबी प्रमाण // 26 // दमयंताक चरित सुनि, वहत नयनसे नीर / जिहि न होय रोमांच नरं, को जगमें अस धीर / // 27 // क्षत्रिय सुता शकुंतला, सत्त्यशील मुविवेक। लाखन संकट नव सहे,एक धर्म ~ .P.P. Ac. GunratnasuriM.S. .. ... . Jun Gun Aaradhak Trust