________________ भाषाटीकासहित.. 175 करती हूं, यह कह कटारको अकबरके गलेके पास ले गई. / अकबर-(आर्तस्वरसे) तोबा तोबा में हाथ जोडता हूं, मुझे मत मारना, खुदाके लिये मेरी एक बात सुनलो. - रानी-कह, क्या कहता है ? अकबर-मैं अपने गुना होके लिये सख्त नादिम हुआ, मेरा कुसूर माफ करो, मेरी जांवख्दी करो, मैं खुदाकी - कसम खाकर कहता हूं मुझे मेरी उम्रना तजुर्वा कार और दुनियावी यारोंने धोखा दिया में अब तक इस पाकदामनी, इस बहादुरी इस नेक चलनीको कभी रवावमेंभी न सोच सकाथा. मेरे ख्यालमें औरतोंका | रकीकदिल तमाके फन्देमें फांसना आसन था, वह पर्दा आज दूर हुआ, मुझे वख्शिये लिल्लाह मुझे वखशिये, अब कभी किसीके साथ ऐसी गुनाह सरजद न होगी. रानी-मुझे तेरी बातका विश्वास कैसे हो ? हाय - जिन राजपूत वीरोंकी सहायतासे आज तुझे यह प्रताप P.P.AC.GumratnasuriM.S. Gun Aaradhak Trust