________________ भाषाटीकासहित. - 167 बादशाह नामसे प्रसिद्ध हुआ. जो कुछ सुख चैन आ। र्यावर्त निवासियोंको अकबरके राज्यमें प्राप्त हुआ, वह जोधाबाईके उदार चित्त, यथा, धर्म और शीलताके ही प्रभावसे हुआ बादशाह और उसके मुख्य मंत्रियोंके सब प्रबंध और कामों में उस प्रतापवती रानीके चित्तकी वृत्ति झलकती थी, जब अहमदनगर फतेह होजाने उपरांत सम्वत् 1657 विक्रमीयमें जोधाबाईका परलोक होगया, तो अकबरने आज्ञा दी कि. सव समीपवर्ती मुखिया लोग दाढी मूछ और शिरके बाल मुडावें, और शोकचिन्ह धारण करें इस आज्ञाके अनुसार सक्ने ऐसा ही कि, जोधाबाईके चिर स्मरणार्थ अकवरने उसके स्थान पर एक सुंदर समाधि वनवाई थी, जहां गोरोंका पर हुआ करता है; आगरेमें उस परेट स्थानके खाली करनेके अर्थ सरकारने उसको मुरंग लगा कर उडवा दिया, साथही समाधि उडगई. पीछेसे सरकारने जाना कि यहां जोधाबाईकी समाधि थी तो सरकारने बहुत पश्चात्ताप किया. अकबर बादशाहको राजा मेवाडकी . P.P.AC. Gunratnasuri M.S..... jun Gun Aaradhak Trust