________________ 156 . स्त्रीचरित्र. कर हाथीके शुण्डमें मारा, तुरंत शुण्ड कटकर गिरगई हाथी प्राण बचाकर भागा, तीनों वीर वहांसे साफ निकलकर अपने साथियोंमें आय मिले, और सब फौजको लेकर धावा मारा सरदारके मारे जानेसे अफगान सिपाहियोंका उत्साह भंग होगया था, सब अपना अपना प्राण बचाकर भागगये, और जो शहरमें रहगये वे सब राजपूतोंके हाथसे मारे गये, इस प्रकार पृथिवीराजने अपने श्वसुरके राज्यको अफगानोंसे छीन लिया, चौदह. वर्षकी अवस्थासे तेईस वर्षकी अवस्था पर्यंत पृथिवीराजने अनेक कान बहादुरीके किये, पृथिवीराजके सालेने एक निरादरका बदला लेनेकेलिये मलावारस्थानके समीप मिष्टान्नमें विष मिलाकर दिया, आदरपूर्वक देने के कारण सालेके मिष्टान्नको पृथिवीराजने भोजन कर लिया, जब मायादेवीके मन्दिरके निकट पहुंचे तब विष चढन लगा, तुरंत पृथिवीराजने जान लिया कि छलसे हमार प्राण लिये गये, यह समझकर तुरंत अपनी रानीका कह ला भेजा कि शीघ्र आकर हमसे मिलो, हमाग Pharma P.P.AC..Gunratnasuri M.S.... . Gun Xaradhakrus