________________ स्त्रीचरित्र. बीर रूपसे आकर प्रगट हुई तत्काल अपने तीरसे पृथिवीराजके कबन्द काटकर बन्धनसे छुटा दिया, यह देख केहरकंठीरने चिडकर पृथीवीराज पर बर्थी चलाई, पृथिवीराजने अपने तीरसे बीचहीमें उस वर्टीको काट गिराया, फिर पृथिवीराजने केहरकंठीरके ऊपर बाण छोडा, जिसको केहरकंठीरने पैतरा बदलके बचाया, तदनन्तर वीररूप संयोगतासे युद्ध होने लगा. .. आतताईने सावधान होकर केहरकंठीरको जा घेरा, तब संयोगता वीररूप छिपाय अदृष्ट होगई, युद्ध होते होते केहरकंठीरके बाणसे आतताई और आतताईके बाणसे केहरकंठीर एक साथ भूमिपर गिरगये, - तब केहरकंठीर को सेनाके पांव उखडते देखकर जयचन्दकी ओरसे काशिराज आगे बढा, महाराज पृथिवीराजकी ओरसे कन्ह अपने सूर सामन्तोंको साथ ले आगे बढे, और युद्ध होने लगा। - लडत सब वीर विनोद भरे / P.P: Ac. Gunratnasuri M:S. . Jun Gun Aaradhak Trust