________________ भाषाटीकासहित.. 123 कहा कि जब में इस सेवककी और देखता हूं, तो इसके / मुख पर मुझको राजतेजकी झलक प्रत्यक्ष दिखाई देती तथा चन्द्रकवि, अनुपन वदन, कहकर पृथिवीराजको | इसको अनुहार बतलता है, मेरे अपमान सूचक वचन सुनकर इसका मुखलाल होगया, होठ फडक उठे, क्रोधयुक्त सांपकी नाई फुकारने लगा, टेढी. भ्रकुटीसे युगान्तक रुद्रके तीसरे नयन खुलने कासा भाव दिखाई | देने लगा, ये लक्षण साधारण मनुष्यके नहीं हो सकते यह पृथ्वीराजही जान पडताहै इसके पकडनेकायहअवसर बहुत अच्छा है, परन्तु जो यह पृथ्वीराज न निकला, तो इसके पकडनेसे बडी हंसी होगी, लोग कहेंगे पृथ्वीराज तो पकड मिलता नहीं, उसके बदले नौकरोंको पकडकर मन सन्तोष करते हैं, यह विचारकर कर्णाटकी | काबुलानेका निश्चय किया कि, जो वह इस समय सभामें आवेगी और इसको देखकर लाज करेगी ता. विदित होजायगा कि यही पृथ्वीराज है, यद्यपि .P.P.AC. Gunratnasuri M.S.. Gun Aaradhak Trust