________________ भाषाटीकासहित. सेठानीकी बात सुनकर लडका बोला, पराई स्त्रीगमन करनेमें कईएक दोष हैं सो सुनो "आयुःक्षयं विकलतात्युपहास्यता च निन्दार्थहानिलघुता कुगतिः परत्र // स्यादेव यद्यपि रतेन परांगनायाः प्राहस्तथाप्यनघमित्यापि कारणेन' // - अर्थः-पराई स्त्रीके संग रमण करनेसे आयुका क्षय होताहै, मनमें विकलता होती है, और संसारमें हंसी होती है, तथा निन्दा (बदनामी) धनहानि, तुच्छता, मरने उपरांत दुर्गति होती है. इस कारण कभी परस्त्रीगमन नहीं करना चाहिये, यह सुन सेठानीने अपने मनमें विचार किया कि समय निकला जाता है, बात बिडी जाती है, और यह लडका अपनी पंडिताईसे हमारी बा-- तपर ध्यान नहीं करता, अब तो जैसे बने तैसे इस लडकेको अपने वशमें करलूं तो सब काम सुधर जायगा.. यदि इस लडकेको आज मैं अपने वशमें न करसकी .P.AC.Gunratnasuril Jom Gun Aaradhak Trust