________________ भाषाटीकासहित.. प्यार करता था, और आंखोंसे ओट नहीं होने देता था, अपने दरवाजेपर एक कमरा बनालिया था उसी में बैठाहुआ आभूषण बनाया करता था. चमलीके पास कभी किसीको नहीं जाने देता था, न चमेलीहीको कहीं जानेकी आज्ञा थी. इसप्रकार स्त्रीपुरूष दोनोंमें बहुत प्रेम था, और सुखसे दोनों रहते थे, परन्तु अति बन्धनमें रहने के कारण चमेलीका चित्त कभी कभी दुःखी हो जाता था. सुनारको जब किसी आवश्यक कामके लिये बाहर जाना पडता था, तब बाहरसे ताला लगाकर चला जाता था, एक दिन सुनार किसी कामके लिये ताला लगाकर चलागया, इतनेमें एक चयेना बेचनेवाला पुकाराअपनी गलीमें चबेना बेचनेवालेकी पुकार सुनकर चमेली द्वारपर आई जोही वह बेचनेवाला किंवाडोंके पास होके निकला. त्योंही चमेलीने कहा एक पैसेका चबेना तोलकर किंवाडोंके दरारमेंसे फेंक दे, और यह पैसा ले. उसने वैसाही किया और पैसा लिया, दरारमें होकर चबेना फेंकनेमें बहुत देर लगी, इतनेहीमें सुनार .P.AC.Gunratnasuri. M.S.. Jun'Gun Aaradhak Trust