________________ - स्त्रीचरित्र. - नहीं है. मेरा पाप सरकारतक फैल चुका. और समाचार - पत्रों में भी छप जायगा, अब किस सुखके लिये प्राण रक्खू. - इस जीनेसे मरनाही भला है, इतनी बातें करके मकारा * मोहनी शिर नीचा करके चुप होरही. मोहनीकी बातें सुनकर उदारहृदय क्षमापरायण लालाहजारीलाल बोले.. प्यारो ! तुह्मारा अपराध हमने क्षमा किया. अब आगे इम कुछ न करेंगे. पुलीसके इन्स्पेक्टर हमारे रिश्तेदार हैं कहा मान जायं. सब उपद्रव शांत होजायगापतिको प्रसन्नजान बाम बनाकर चतुराईसे मोहनी वोली.. स्वामी ! उपद्रव तो शान्त होजायगा और आप कुछ न करेंगे. पर वह छली गुलजारी तो साफ बच जायगा - उसको उसकी करनीका फल तो अवश्य मिलना चाहिये- यह मैं नहीं चाहती कि, वह साफ बचजाय. लाला हजारीलाल बाबू इन्स्पेक्टरके पास आये और सब समाचार कह सुनाया. इन्स्पेक्टर बाबू बोले आप क्या चाहते हैं. हमारी समझसे तो इन अपराधियोंको P.P.AC.Gunratnasuri M.S.