________________ भाषाटीकासहित. यह चिट्ठी लिखकर मोहनीने एक पहरेदारको बुलाकर दी और पांच रुपये देकर कहा कि, यह चिट्टी हमारे स्वामीके हाथमें दे आओ. मेरे स्वामीका नाम इस चिट्ठीपर लिखा है पढकर देखलो. पहले घरपर जाना यदि वहां न मिले तो जहां मिल ढूंढकर एकान्तों यह चिठ्ठी देना. तुम होशियार हो, अधिक क्या समझाऊ.. यह सुन चिट्ठी ले पहरेदार सिपाही लाला हजारीलालके मकानपर आया और एकान्तमें पाय वह चिट्ठी हाथमें दी और तुरन्त लौट गया. लाला हजारलाल उस समय इन्स्पेक्टर बाबूके पाससे स्नान भोजन करनेके निमित्त चले आयेथे, चिट्ठीको देखतेही पढने लगे, मोहनीने जिस प्रयोजनके साधन करनेको वह चिट्ठी अपने स्वामीके पास भेजीथी, धीरे धीरे उसका ढंग जमने लगा, मोहनीके कोमल बचनोंको पढ पढकर लाला हजारीलालका मन पिघलने लगा, और अपनी स्त्रीकी करनीको भूल कर आपनेको धिकारने लगे, कि हमने नाहक अपनेही - आप अपना मुख काला किया. पुलिसतक खबर पहुं. PPEC.Gunratnasuri M.S Jun Gun Aaradhak Trust