________________ भाषाटीकासहित.. . 39 जाऊँगा. यह सुनकर मोहनीने कहा, कि स्वामी ! दो दिनके लिये प्रबन्ध करनेकी आवश्यकता नहीं, भीतरसे जंजीर बन्द करके ताला लगालँगी, और परोसमें जो बुढिया रहती है। उसको अपने समीप रातको रखलिया, करूँगी. लाला हजारीलालको मोहनीपर कुछभी सन्देह नहीं था' मोहनीकी बातको तुरन्त अंगीकार करलिया.. अब मोहनीके मनमें अनेक तरंगें उठने लगी, प्रेम सरिताका प्रवाह होने लगा. चिट्टीद्वारा गुलजारीलालले उसदिन सब वातचीत पक्की होगई, दूसरे दिन हजारीलाल एक इक्का किराया करके एक घंटा पहले रेल गाडीपर पहुँचे, रातके नौ बजे गाडी छुटनेका समय था, लाला हजारीलालके जातेही गुलजारीलाल आगया, और मोहनीसे अनेक प्रेमकी बाते करने लगा. दिल खोलकर बातचीत करनेका वही पहला दिन था. स्टेशनपर पहुंचतेही लाला हजारीलालको स्मरण हुआ कि दूकानसे हिसाबकिताबका. चिट्ठा जो अढतियाको समझा देनेके लिये बनाकर P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Gun Gun Aaradhak Trust