________________ 16 स्त्रीचरित्र. मनको रोककर अपने पति के चरणोंमें लगावें क्योंकि दिन व्यतीत हो जानेपर सन्ध्या समय स्त्रियोंके शरीरमें कामदेव धीरे धीरे प्रवेश होने लगता है, यथा-- परिपतति पयोनिधौ पतंगः सरसिरहामुदरेषु मत्तभंगः उपवनतरुकोटरे विहंगो युवतिजनेषु शनैः शनैरनंगः // 11 // अर्थ-दिनगत होनेपर पतङ्ग ( सूर्य ) पयोनिधि. (समुद्र ) में धीरे 2 गिरते हैं. अर्थत् अस्त होते हैंकमलोंके उदरमें, मतवाले भौरे धीरे 2 गिरते हैं. उपवन वृक्षोंके कोटरमें विहङ्ग (पक्षी) शनैः 2 गिरते हैंएवं युवतियोंमें अनङ्ग ( कामदेव ) शनैः शनैः प्रवेश करता है // 11 // . स्त्रियोंके हाव भाव कटाक्षमें एक यह अद्भत गुण है। कि पुरुषका मन शीघ्र उनकी ओर दौड जाता है. P.P.AC.Gunratnasuri: M.S. n Aaradhak Trust