________________ भाषाटीकासहित भलीभांति तृप्तकिया, इतनेमें सेठानीजीका और एक यारु ' आपहुंचा उसकी आहट पाय सेठानीजीने उस लड़के को वहीं छिपाया, और झट उस अपने यारके पास आय मठिी मगि बातें करने लगी, उसी समय साहूकार किसीसे बातें करते हुये अपनी गलीमें आपहुंचे. सो सुनकर सेठानीजी,बोली कि आज सेठजी आगये हैं सुनतही सेठानीका यार बोला, हमको किसीप्रकार बचाओ, और * अपनीभी रक्षाकरो. सेठानीने कहा कुछ चिंता मतकरो अपने शिरकी चोटीके बाल अभी खोललर फैलादो और यह अपना कटार हाथमें दिखाते और हिलाते हुये पागलों की तरह बकते झकते निकल जाओ, फिर मैं सब बात "बनालूंगी. यह युक्ति सुनकर उसने वैसाही किया. साहूकारने उसको जाते देखकर सेठानीसे पूछा कि यह कौन पुरुष थाजो हमारे बराबर होकर निकल गया. तब सेठानी बोली आज परमेश्वरने तुम्हारि और हमारी दोनोंकी रक्षा कि, अच्छाहुवा जो इस समय तुम आगये नहीं तो आज मेरे प्राण नहीं बचते. पहले इस हमारी गलीमें PP.AC.Gunratnasuri M.S Jun Gun Aaradhak Trust