________________ भाषाटीकासहित. / अथ ग्रन्थारम्भ। / तत्रादौ ग्रन्थकारका व्याख्यान / जगन्नियन्ता परमात्माने जो जो वस्तुएँ मनुष्यों के उपकार निमित्त निर्माण की हैं, उन सबोंमें बुद्धि श्रेष्ठ है. बुद्धि के प्रतापसे पृथ्वीके अन्य सक्जीवोंमें मनुष्य उत्तम है. बुद्धिसेही छोटेशरीरवाला मनुष्य हाथी, गेंडा, चीता, तथा सिंह आदिकोंको अपने वशमें करलेताहै. और बडे बडे पर्वतोंको उल्लंघन करके समुद्रके पार हो जाता है. पृथिवीकी परिक्रमा करताहै. तथा प्रबलतर बेगवती नदियों के ऊपर और नीचे सेतु व पंथ निर्माण करता है. जीवरहित धूम्रसे सजीव अश्वादिकोंका असाध्य काम करता है. बाष्पीयशकट (आगबोट, रेलगाडी आदि) द्वारा छह महीने के पंथको छह. दिनमें सैकडों मनुष्यों सहित ते करताहै. विद्युत् और पवन शक्तिके बलसे संपूर्ण भूमंडलका समाचार एकदिनमें पासकताहै. इसी प्रकार अनेक कार्य जिनका होना असम्भवसा जान पडता है उन कार्योंको मनुष्य अपनी P.P.AC.Gunratnasuri M.S.. Jun Gun Aaradhak Trust