________________ ARSAC HOST-MECHECER में ठने बतीस लक्षणवाले पुरुषकी गवेषणा करनेके लिये शहरमें अपने सुभटोंको भेजे, उन्होंने क्रमशः घूमकर श्रीपाल कुमारको देखा और धवल सेठको खबर दी-सेठने आझा की कि शीघही उस पुरुषको लेआओ? तब वे सुभट लोग कुमारको जाकर कहने लगे-अहो वैदेशिक ! शीघ्रही चलो! कुमार बोले कहां ? सुभटोने उत्तर दिया (सब हाल कह कर ) श्रेष्टी शिरोमणि धवलP|| शेठकी जहाजोंके आगे बलिदानके लिये, कुंवरने सपाटेसे जबाब दिया-महानुभावों! धवलका ही बलिदान देदो, वीर पुरुषका बलिदान नहीं हो सकता; इस वख्त परस्पर कलह जाग पड़ा, सुभटोंने चारों ओरसे कुमारको घेर लिया तब कुंवरने सिंहनाद किया जिससे सब सुभट लोग भग गये. इस वख्त धवलने जाकर राजाको मददके लिये प्रार्थना की, तब नरनाथने श्रीपालको बांधकर लेआनेके लिये अपनी सेना भेजी मगर वह भी कुमारके सिंहनादसे भग गई; तदनन्तर -ॐ ROCAL e R Ac.GunratnasuriM.S. Jun Gun Aaradha