________________ RRCASEAN 1 सोलह कूपस्तंभसे विराजित मध्यम जंगी पोत 4 लघु जंगी पोत 100 सफरी पोत | 100 बेड़ी पोत 74 द्रोणमुखी पोत 64 बड़ेगा पोत 54 भिल्ल पोत 50 आवर्त पोत 35 क्षुर* प्रमा पोत-कुल 500 जहाजें हुई. इन जहाजोंके अन्दर नानाविध उच्च क्रयाणोंके साथ हिंग, मिरच, जीरा, नमक, धान्य, 6 काष्ट, जल, औषधिये वगेरा परिपूर्ण भरी गई थीं-सेठने इन नौकाओंकी रक्षाके लिये माल, भिल्ल, किरातादि जातिवाले दस हजार सुभट रख्खे थे; उनमें तोपें, बंदूकें, तलवारें, बाण, बर-2 छियें; भाले वगेरा शस्त्र रख्खे गये थे-हाथी, घोड़े भी साथ में थे-छत्र, चामर, मुकुट, ध्वजा, है पताकाओ से सुशोभित थीं-भेरी भुंगल, झबरी वगेरा वाजिंत्रोंसे व्याप्त थीं-गीत नृत्यादिसे भूषित थीं-नाना देशोंके यात्री लोग ओर निर्यामक ( जहाजे चलाने वाले) उसमें आनन्द | * करते थे-समुद्रमें गमन करते समय के जहाजें एक जंगम नगरके समान दीपती थीं. KIGORISESSORAS GROSS R Ac.Gunratnasuri M.S. jun Gun Aaradhak