________________ थर PIESAISTESCOGAS कमलपनाका मिलाप. AUGGESAKARA रोग मुक्त होनेके बाद किसीएक दिन उम्बरराणा मदनसुन्दरी सहित जिनेश्वर प्रभुके 8 दर्शन कर अपने मुकाम पर जा रहा था उस समय अपनी दुःखिनी माता कमलप्रभाको देख शीघ्र ही उसके चरणों में गिर पड़ा, माताने दोनो हाथोंसे उठाकर अपने प्यारे पुत्रको हृदयसे लगाया; इस वख्त माताके दिलमें हर्षकी सीमा न रही-उम्बर बोला हे मातेश्वरी! तेरी बहुके प्रसादसे मेरा सर्व रोग नाश हुवा, मदना भी परस्पर मातृ-पुत्र भाव जान कर अपनी सासुके पदकमलोंमें अभिवंदन किया; सासुने शुभ आशीर्वाद दिया-हे सुशीले! तूं पुत्रवती-सौभाग्यवती हो, तुमारा सुन्दर युगल (जौड़ा) अखण्ड रहो; अब ये तीनो मिलकर अपने स्थानपर गये. CHE* K # Ac Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak i