________________ श्रीपाल SCREEGAA प्रस्ताव चरित्र. ... देवाधिदेवके दर्शन. 1 दूसरा. - प्रातःकाल होते ही मयणासुन्दरीने अपने पतिराजको निवेदन किया कि हे नाथ! इस नगरमें युगादीश्वरं देवाधिदेव श्रीऋषभदेव प्रजुका चैत्य ( मन्दिर-देरासर ) है; वहां पर दर्शनके लिये चलिये गा--यह मधुर वचन सुनते ही उम्बर राणा शीघ्र ही स्नान मञ्जन कर पुष्प अ. क्षतादि प्रभु पूजाकी सामग्री लेकर मदनाके साथ प्रथम जिनेश्वरके जिनभुवन में गया, वहां पर प्रजुको सादर नमन कर मदनसुन्दरी भावपूर्वक स्तुति करने लगी और उम्बर राणा शान्तिसे श्रवण करने लगा; तद्यथाः हे आदिनाथ-हे देवाधिदेव-दे वीतराग-हे वीतष-हे परमेश्वर-हे दीनबंधो-हे कृपा. OSTEOPOROSL086*% CAREECRECOSCRIGAON // 15 // Ac. Gunratrasuri MS. . . Jun Gun Aaradh