________________ T all बड़ी निर्भाग्या है उसके योग्य यह उम्बर वर आगया है, अब उसे अवश्य ही कर्मका फल ||4|| | दिखाउंगा तबही मेरा कोप सफल होगा; यह सोच कर राजा वहांसे वापिस फिरा और सभामें है। आकर तुरन्त ही कन्याको बुलाकर इस प्रकार कड़कसे कहने लगा-हे मदने! मैं तो तेरा सुख चहाता हूँ मगर तूं बडी दुष्टा है बता! कि तेरेको पिताकी कृपासे ही सुख दुःख है या नहीं? मदना बोली-हे तात स्वभाग्यसे ही सुख दुःख है, पिताकी कृपासे नहीं; कारण कि | जिनेश्वरके वचन विरुक मैं अपनी जबानसे कभी नहीं कह सकती, तब राजा गुस्से होकर 5 बोला-तेरे भाग्यसे उम्बर राणा वर आगया है सब हकीकतके साथ कहा; मदनाने उत्तर दिया यदि भाग्य वश ही आ गया हो तो उसे दूर कौन कर सकता है ? सुख पूर्वक आवे.. . राजाने अपने सेवकोके द्वारा उम्बर राणा को बुलाकर सभामें बैठाया और कहा, उम्बर! यह मेरी कन्या मदन सुन्दरी तुझे चहाती है, अतः मेने तुझे दी. उम्बर बोला हे महाराज! कन्याके OSCALCACANCHARACK VIRAC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhal