________________ भीमापरित्र. ॐ नमः प्रस्तावना प्रस्तावना. प्रिय पाठकवरों ! . इस अनादि प्रवाहरूप संसारके अंदर अनेकानेक महापुरुष हो गये हैं, जिनकी जीवनीको पढकर या सुनकर प्राणियों धर्म प्रिय होसकते हैं, उनके आदर्श चरित्रोंमानो जगत जनके जीवन का उद्धार करनेको ही जन्म लेते हैं। उनमेसे आज़ मैं एक समर्थ धर्मधुरंधर-न्यायनिष्ट-परोपकारी श्री श्रीपाल नरेशका यह - दिव्य जीवन चरित्र आपके सम्मुख उपस्थित कर रहा हूँ ये महापुरुष आज़से अनुमान 12 लाख वर्ष पहिले यानी वीसवें तीर्थंकर भगवान् श्रीमुनिसुव्रत स्वामी के समयमें होगये हैं, इनने अपनी अटल श्रद्धासे श्री सिद्धचक्र महापद ( नवपद ) की अनन्य भावसे आराधना की है, जिससे. राज्य SAGERABHARRISASTERIOR P Gunratnasuri.M.S. / Jun Gun Aaradhak