________________ श्रीपाल ____ सुरसुन्दरीने जवाब दियाःपरिष. (श्लोक.) || रूपं च राज्यं सुभगं मुभर्ता / नीरोगगात्रं च पवित्रभोज्यम् // गानं च नित्यं परिवारपूर्ण / पुण्येन चैतत्सकलं लभेत // 1 // // . भावार्थ:-हे पिताश्री! रूप, राज्य, शुभगति, उत्तम भर्तार, नैरोग्यशरीर, पवित्र भोजन, गान, पूर्ण परिवार; ये सब पुण्यसे मिलते हैं. ... मदनसुन्दरीने उत्तर दियाः (श्लोक.) शीलं च दक्षं विनयो विवेकः / सद्धर्मगोष्टिः प्रभुभक्तिपूजा // अखण्डसौख्यं च प्रसन्नता हि / लभ्येत पुण्येन समस्तमेतत् / / भावार्थ:-हे तातश्री ! शील, दक्षता, विनय, विवेक, उत्तम धर्मगोष्टी, प्रभुकी भक्ति-पूजा, है || प्रसन्नता और अखण्ड सुख; ये सब पुण्यसे मिलते हैं.' SHIKSHA%AAR AP.AC.Gunratnasun M.S. Jun Gun Aaradlist . !