________________ मुस कराए और कहने लगे-हे राजन् ! 'पानी पीकर घर पूछना' इस कहावतको तुमने || चरितार्थ करदी; अस्तु यदि तुमको मेरा कुल जानना ही हो तो सैन्य सजकर युद्ध करलो तो तुमें 8 | अपने आप ज्ञात हो जायगा, नहीं तब मैं तो अपने मुखसे कहना नहीं चढ़ाता अथवाइसही | तरह तुम्हें जानना हो तो समुद्रके किनारे जहाजों में अमुक 2 दो स्त्रिये हैं उन्हें बुलाकर पूछलो, . दि राजाने धवलको पूछा-क्या तुमारे जहाजोंमें फला 2 स्त्रियें हैं या नहीं? धवलका मुख यहां पर भी काली श्याहीसे रंग गया, कुछ भी उत्तर नहीं दिया, तब राजाको आज्ञासे प्रधान म-2 ण्डलने जाकर दोनो ललनाओंको निवेदन किया कि हमारे राजा साहब अपने जवांईकी कुल* पृच्छा करनेको तुम्हें बुलाते हैं, उनने विचारा कि अवश्यही अपने प्राणवद्धभ यहांपर होना | चाहिये, खुश होती हुई पालखीमें बैठकर राज-जुवनमें पहुँची, योग्यतापूर्वक उन्हें परदेके अ. न्दर स्थापित की, इस वख्त राजाने पूछा-हे कन्याओं! इस मेरे जमाई श्रीपालका वंशादि च. रित्र कहो-गगनचारी मुनिके मुखसे सुना हुवा और कितनाक अनुभवा हुवा सर्व चरित्र विद्या ASTROACHCHERRENCESCHSSCCICC USARAॐॐॐ 10 IMAc.GunratnasunM.s. Jun Gun Aaradhal