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________________ aaaaaaaaaaaaaaax. श्रीशान्तिनाथ चरित्र / पानी में बिजली नहीं गिरती; पर यदि जहाज़पर गिरे,तो फिर क्या किया . जायेगा ? इससे तो यही अच्छा होगा, कि स्वामीको वैताढ्य-पर्वतकी गुप्त गुफामें रखकर विजलीसे .उनकी रक्षा की जाये।" तीसरेने कहा, “यह उपाय अच्छा नहीं है, इससे तो उलटा और भी अधिक विपद् आनेका भय है। इसपर एक बहुत अच्छा दृष्टान्त है, वह सुनो विजयपुरमें रुद्रसोम नामका एक ब्राह्मण रहता था। उसकी स्त्रीका नाम ज्वलनशिखा था। उनके शिखी नामका एक पुत्र भी था। एक बार उस नगरमें कोई माँसका लोभी राक्षस आ पहुँचा। वह लगातार बहुतसे मनुष्योंकी हत्या करने लगा। यह देख, उस नगरके राजाने अपने मंत्रियोंकी सलाहसे उस राक्षसके साथ यह नियम कर लिया, कि मैं तुम्हें सदा एक मनुष्य दिया करूँगा। राक्षसने इसे स्वीकार कर लिया। . इसके बाद राजाने सब नगर-निवासियोंके नाम अलग-अलग पर्चीपर लिखकर उनको मोड़-माड़कर गोलियाँ सी बना लीं। इसके बाद प्रति दिन उन गोलियोंमें से एक-एक निकालकर वे जिसका नाम उस काग़ज़में लिखा देखते, उसको बुलवाकर राक्षसके हवाले कर देते। ऐसा करनेसे बहुतोंकी रक्षा हो जाती थी। इसी तरह बहुत दिन बीत गये। एक दिन उक्त ब्राह्मणके पुत्रका नाम निकल आया। उसके घर . राजाकी बुलाहट ज्यों ही पहुँची, त्योंही उसकी माँ रोने-पीटने लगी। उसकी रुलाई सुन, पासहीके घरमें रहनेवाले भूतोंको दया आगयी और उन्होंने उस ब्राह्मणीसे आकर कहा,-"माता! तू खेद मत कर। यदि राजा तेरे पुत्रको ऊस राक्षसके पास भेज भी देगा, तो हमलोग उसे लौटा लायेंगे।" यह सुनकर, वह हर्षित हो गयी। राजाने जब उसके पुत्रको राक्षसके हवाले कर दिया, तब पहलेसे ही सधे हुए भूत उसे वहाँसे उड़ा लाये और उसकी माँके पास ले आये। उसकी माताने मृत्युके भयसे उसे एक पर्वतकी गुफामें बन्द कर उसका द्वार बन्द कर दिया। वहीं रातके समय उस लड़केको एक अजगर निगल गया।" * इसलिये जब बिजली * गिरनेवाली है, तब तो गिर कर ही रहेगी, P.AC.GunratnasunM.S Jun Gun Aaradnak Trust
SR No.036489
Book TitleShantinath Charitra Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhavchandrasuri
PublisherKashinath Jain
Publication Year1924
Total Pages445
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size355 MB
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