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________________ होते थे। जिस सवारीके सजावटमें हजारों रुपैया खर्च किया गया हो वह सवारी भला कैसे दर्शनीय न होगी ? ___ इसके अतिरिक्त इस सुअवसर पर तीनों समुदायके सजनोंने सम्मि-. लित हो कर बड़ेही आनन्द मंगल पूर्वक जल यात्रा एवं स्वामीवत्सल का उत्सव मनाया। * आपने संसारमें अच्छा धन, मान और वैभव प्राप्त किया। बचपनसे ही आपके हृदयमें धार्मिक भावना, लोकोपकारी प्रवृत्ति और जाति हितकी लालसा बनी रहती थी। अवस्थाके साथ-ही साथ आपके ये गुणभी बढ़ते गये। धार्मिकता, सच्चरित्रता, उदारता, और जाती हितैषिता ही आपके जीवनके प्रधान गुण हैं। इन्हीं गुणोंने आपके जीवनको अनुकरणीय बना दिया है। ___ आपके इन अलौकिक गुणोंकी ओर आकर्शित होकर ब्यापारी समाज एवं जातीय सजन आपका बड़ाही आदर-सम्मान करते हैं। आप न्यायमार्गके पूर्ण पक्षपाती हैं। आपकी व्यवहार दक्षता एवं न्याय प्रियता अतीव प्रशंसनीय एवं अनुकरणीय है। आप स्पष्टवक्ता एवं मिष्टभाषी हैं। अतएव जनतामें आपका बड़ाभारी प्रभाव पड़ता है। .. आपका. धर्म-प्रेम, जाती-प्रेम, समाज-प्रम, और देश प्रेम परम प्रशंसनीय है। आपका सारा वैभव आपके अपने बाहुबलका उपार्जन किया हुआ है, इसलिये आप स्वनाम धन्य पुरुष हैं। आपके अध्यवसाय, साहस, धैर्य आदि गुण सबके अदर्श होने योग्य हैं। आपकी दान शीलताकी जहाँतक प्रशंसा की जाये कम है, आप योंतो सदैव गुप्तदान करते रहते हैं, और अनेक अनाथों, निराधार और निःसहायोंको सहायता पहुँचाते ही रहते हैं। तथापि आपके दान और औदार्यके बहुतसे ऐसे उज्वल उदाहरण भी हैं, जो आपकी कोर्तिको चिरस्थाई बनाये रहेंगे। ___ आपने निम्न लिखित संस्थाओंको आर्थिक सहायता प्रदान की है, और नियमित मासिक सहायता भी दिया करते हैं। बीकानेर जैन P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust
SR No.036489
Book TitleShantinath Charitra Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhavchandrasuri
PublisherKashinath Jain
Publication Year1924
Total Pages445
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size355 MB
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