________________ 4.1 * आया, शतमतिने सांप के टुकड़े बताते हुए रात का सारा वृत्तान्त कहा, महाराजाने उस से संतोष हुआ और शतमति को गांव दिया. सहस्त्रमति, लक्षमति और कोटीमति को अच्छा इनाम दिया. प्रकरण 64 . . . . . . . . . . . . पृष्ट 582 से 593 राजसभा में ब्राहामण का आना एक दिन एक ब्राह्मणने स्त्रीचरित्र के लिये कहा. महाराजाने उस को * नजरकेद करके साक्षात्कार करनेको चले, दूर देश में जाकर साक्षात्कार करके वापस आये, ब्राह्मण को छोड दिया, और द्रव्य भी दिया. कुछ दिनों के बाद शालिवाहन से युद्ध हुआ. युद्ध में महाराजा की 'छाती में शालिवाहन का तीर लगा, उस से उन्हों का मृत्यु हुआ. महाराजा की अंतिम क्रिया करके महाराजा विक्रमादित्य का पुत्र विक्रमचरित्र युद्ध करने को आया, शालिवाहन का पराजय किया, उस से * संधी की, आचार्य श्री सिद्धसेनदिवाकरसूरीश्वजी म. विक्रमचरित्र को सांत्वन देने आये, और नवीन महाराजा को शोकमुक्त किया. सर्ग बारहवा 'पृष्ट 595 से 658 ......................... .प्रकरण 65 से 67 प्रकरण 65 . . . . . . . . . . . पृष्ट 595 से 618 ___ श्री विक्रमचरित्र का राज्याभिषेक राजकुमार विक्रमचरित्र जैसे सिंहासन पर बैठने गये उसी समय 'सिंहासन अधिष्टायिका देवीने उस को रोका, और कहा, 'तुममें महाराजा P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust