________________ 234 * विक्रम चरित्र miris छोटा मन्दिर था, उस देवकुलीकामें से डमरु की आवाज-ध्वनि सुनाई दीया। आवाज की गजके अनुसार महाराजा उस देवकुलीकामें आकर देखते हैं, तो वहाँ पर एक भयावह-भयंकर रूप देखा। जैसेकि-ऊँटके समान ओष्ठ, बिल्ली के समान आँखे, गधे के समान दांत, कुदाल के समान नख, पत्थर के समान अंगुलियाँ, बहुत बड़ा पेट, चिपटा हुआ नाक, मूषक- चूहे के समान कान, काली भयानक काया, और घृणा उत्पन्न करनेवाला मुख, विचित्र प्रकारके मस्तक पर केश, ढाल और तलवार युक्त दोंनो हाथ, गलेमें मानवकी खोपरियों की माला, हूकारा करता पृथ्वीको कम्पित करनेवाला और अश्वपर आरूढ साक्षात् यमके समान महा भयानक रूप-आकृति को देखकर वीरशिरोमणि महाराजाने आश्चर्य प्राप्त किया, क्षेत्रपाल और महाराजा विक्रम पि में. 3::: R.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust