________________ P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. TAIN S Jun Gun Aaradhak Trust न राजमहल, प्रातःकालमें व्रत ग्रहण काँगा इस प्रकार की शुभ-भावना हृदयमें रखते हुए; ___अपने गजमहल में गृहस्य -अवस्थामें ही महाराजा मृगध्वज को केवलज्ञान उत्पन्न हुआ। पृष्ट 113 (मु. नि. वि. संयोजित. विक्रम चरित्र दूसरा भाग चित्र नं. 22)