________________ 86-23 चन्द्रवणिक बकरीयों से मारा जाता हुआ बकरे को बचाता है 463 87-24 अमरसिंह महाराजा शुक से पूछते है ... ... 471 88-25 राजपुत्री वरमाला हाथमें लेकर महाराजा विक्रम के पास पहूँची 478 88-26 कुहाडा लेकर कमल गणेशकी मूर्ति तोडनेको तैयार हुआ 484 88-27 रत्नम जरी वरमाला धन्यसेठ के गले में आरोपित कर रही है 503 89-28 चोर और रत्नम जरी के बिच वार्तालाप ... ... 509 90-29-1 नदी तट पर महाराज विक्रमादित्य और रत्नम जरी वार्तालाप करते है... ... ... ... 520 91-29-2 कोची के कथनानुसार राजा पेटी में बैठने जा रहे है 528 92-30 यकायक बुद्धिसागर मंत्री का कोची के घर आना ... 93-31 रमा तवु में जा रही है ... ... ... 94-32 छाहड भस्म की पोटली वृक्षके कोटर में रख रहा है... 95-33 स्त्री को देख ग्वाला ताजुब हो गया ... ... 541 96-34 राजा बंदरों का झुड को स्नान करते देख रहें ... 97-35 महाराजा विक्रम भट्टमात्र से अपना वृत्तान्त सुना रहे है 98-36 राजाने स्त्री को कंधे पर चडाई ... 99-37 महारामा से राक्षस कहते है 'हम आप के दास है' ... 100 -38 महाराजाने राक्षसो से नारी की रक्षा की ... ... 555 101-39 शतमतिने क्षण में सर्प के टुकडे कर डाले ... ... 102-40 बिना बिचारे कार्य का परिणाम तीनों पंडितो को सिंहने मार खाये ... ... ... ... ... 573 103-41 देवी को केशव ब्राह्मण कह रहा है . ... ... 578 . 104-42 चन्द्रमा के साथ रत्न की तुलना करते रत्न का समुद्रमें गिरना 579 105-43 राजाको शतमति सांपके टुकडे बता रहा है.... ... 580 106-44 स्त्रीने अपने पति से कहा, यह न होते तो सारा घर जल जाता 585 545 549 553 xxx x xxx v 560 P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust