________________ * द्वितीय परिच्छेद * जब राजा को हाथी हरण करके लेगया था, उस . दिन से सारी प्रजा विरह दुख और दाह से पीड़ित थी। उस प्रजा को अपने दर्शनरूपी अमृत की वर्षा से उसने शीतल किया। विद्याप्रेमी सुरेन्द्रमुनि कृते रत्नपाल चरित्रे भाषानुवादे रत्नपाल नृप राज्य प्राति विवाहादि वर्णनो नाम द्वितीय परिच्छेदः समाप्तः॥ P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust