________________ Eeeeeeeeeeeeeeeee पुण्याढय কান্তি 1981 सान्वय भाषान्तर 1981 मुसाफरीथी थाकी गयेला, तथा जमीनपर चालता एवा यशोधनने (तेणे) जोयो. // 479 // : अनुधावत्परिजनप्रकरः सत्वरस्ततः / सौधादुत्तीर्य नृपतिः पितुः पदयुगेऽपतत् // 480 // .... ___ अन्वयः-अनुधावत्परिजन प्रकरः नृपतिः सत्वरः ततः सौधात् उत्तीर्य पितुः पदयुगे अपतत् // 480 // ... / अर्थ:-(पछी) पाछळ दोडतो छ परिवारनो समूह जेनो, एवो ते राजा उतावळ यी ते मेहेलमाथी उतरीने (पोताना) पिताना चरणोमां पड्यो. // 480 // तादृग्विभूतिपर्यकोऽप्यद्य रङ्कोपमाश्रयः / कुतः पितरितोऽसीति प्राह च प्रीतिदुःखितः // 481 // अन्वयः-च प्रीतिदुःखितः माह, हे पितः तादृविभूतिपयकः अपि अद्य रंक उपमा आश्रयः इतः कुतः असि // 481 // अर्थ:-पछी प्रेमथी पीडित थयेलो ते केशव राजा एम कहेवा लाग्यो के, हे पिताजी! तेवा प्रकारनी समृद्धिना तमो पलंग सरखा होवा छता पण आज रंक सरखा थइने अहीं क्याथी आव्या // 481 // SID00 OBECEESCECOSSESEGIES