________________ 0989088318319191919191919191910 ड साम्यय पुण्यादय चरित्रं 188 भाषान्तर हनामनो देव (मास) 188 ... अर्थ:-ते वखते कानमा (रेडेला) तपाबेला सीसासरखं (इंद्र) ते वचन सांभळीने, मुखने लायक एवा देवपणागां पण छेक . जन्मथी स्वभावेज़ // 45 // बीजानी प्रशंसाथी दुःख पामतो (ईर्षालु थयेलो) महोटी समृद्धिवाको हुं वह्नि नाप्नो देव (मास) मधळा सेवको सहित तारी परीक्षा करवाने अहीं आव्यो छु. // 456 // युग्मं / / . त्रैलोक्यचालनोत्तालशक्तिनापि न ते मया / रोमाप्यचालि नियमाद्वीरः कोऽस्तु भवानिव // 457 // अन्वयः-त्रैलोक्य चालन उत्ताल शक्तिना अपि मया ते रोम अपि नियपात् न अचालि, भवान् इव कः वीरः अस्तु // 457 / / अर्थः-त्रणे लोकने उथलावी पाडवानी महान शक्तिवाळो एवो पण हुं तारा रेवाडाने पण नियमथी चलावी शक्यो नहीं, माटे खरेखर तारा समान (बीजो) कोण वीरपुरुष होइ शके ? // 457 // वहिना परितप्तोऽपि मूलोत्तरगुणाग्रणीः / सुवर्ण इव सद्वर्णभूमिश्रोतभवानभूत् // 458 // अन्वयः- हे) प्रातः भवानू सुवर्णः इव वह्निना परितः अपि मूलोजरणागणीः सद्धर्णमूमिः अभूत् // 458 // ... ) 00000000000000000000 P AC Gunnanasuri M.S