________________ प्रत्येक जलबिंदुवत् // आतपाक्रांतसिंहस्य / लोलावच्चपलं बलं // 31 // एवं वैराग्यमापन्नं / स्वयं लोचं विधाय च // प्रत्येकघुः संजातः / करकंमुनरेश्वरः // 35 // संजातजातिस्मरणः। स्मृ चरित्रं तपूर्वनवो नवात् // विरक्तो मोहनिर्मुक्तः / स्वयं दीदां गृहीतवान् // 33 // देवतादत्तलिं. गेन / निःसंगेन महात्मना // बिजहे पृथिवीपीठे / राजर्षिकरकंमुना // 34 // सयं सुजायं सुविजत्तसिंग / दळूण गावं खलु गुठमज्के // रिहिं अरिकिं समुपेहियाणं / कलिंगरायावि | समिक धम्मं // 35 // इति श्रीप्रत्येकबुद्धचरित्रे करकंसुवर्णनो नाम प्रथमः प्रस्तावः समाप्तः. ॥अथ द्वितीयः प्रस्तावः प्रारज्यते // अथाद्वितीयस्य गुणैहितीय-प्रत्येकबुझहिमुखोत्तमर्षेः // वये चरित्रंसुतरां पवित्र-मेनौलताया लवने लवित्रं // 1 // समस्तरत्नादिखनिप्रधानः / सम्स्ति सुग्रामविराजमानः // धान्यैर्धनैषितभूप्रदेशः / पंचालदेशः शुजसन्निवेशः // 2 // अधिष्ठितं यन्न पुरंदरेण / न दानवारिप्रजया समैतं // अप्यूर्वलोकं यदधश्चकार / तत्तत्र कांपिठ्यपुरं वजूव // 3 ॥जयानि // PP , Mgratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust