________________ जो जज्ञे / वैरिवर्गावरांतरे // ए५ // न सादी न निषादी च / न पदाती रथी न च // सूरसेनं विना शूरो / नाजूकश्चन सन्मुखः // ए६ // सूरसेनजयानंदौ / नदंतौ सिंहनादतः // वनचरित्र| सिंहाविवोन्मत्ता-वारेनाते रणांगणं // एy // उजावपि महाबाहू / उन्नावपि महौजसौ // जनावपि महामर्षा-द्विविधायुधवर्षिणौ // ए // युध्यमानावुनौ दृष्ट्वा / ननःस्थितदिवौकसः // न स्थातुं शेकिरे गंतुं / नीतिकौतुहलाकुलाः // एए // युगलकं // वेणीदंमः प्रचंमः किमयमकृपणः स्यात्कृतांतस्य किंवा / स्फूर्जप्रत्यर्थिपृथ्वीपतिविनतिनवं दुर्यशो मूर्तमेतत // किंवा कोपा निधूमः किमियमसिलतेत्याद्यमाशंकमानै-मेंने वैमानिकौघैरुभयसुजटयोरीक्षमाणैः कृपाणैः // 70 // उनयो रथचारिजि-श्चकंपे कोणिमंगलं // चुकुन्ने सागरेणापि / कंपितं पर्वतैरपि // 1 // कारं कारं टणत्कारान् / मोचं मोचं शिलीमुखान् // युयुधाते तथा किंचि-द्यथा नीतं सुरैरपि // 2 // खन खनमास्फाल्य / सुनटाच्यां स्फुलिंगकैः // शराछादितमातम। नभस्तारांकितं कृतं // 3 // एवमादिप्रकारेण / तयोरास्फाल्यतोरभूत् // 6 // तिकतरस्यापि / दृढयोर्वज्रगोलवत् // 4 // अजेयमपरैः शस्त्रै-स्तं ज्ञात्वा वैरिणं रणे // अ- || %3EED: PP, Ac Buntainasun MS. Jun Gun Aaradhak Trust