________________ प्रत्येक चरित्र % 3D चकार सः // // सन्ये दूत तव स्वामी / कृतांतेन कटाक्षितः // विजिगीषुर्जुजगें। कि. || यजीवति दुर्दुरः // 30 // यदेष मम देशस्थ-ग्रामग्रहणमिवति // शेषनागशिरोरत्नं / नेक श्व समीहते // 31 // कदाचिन्मृगतष्णायां / प्राप्यते शीतवं जलं // परं न मामकं वस्तु / लप्स्यते स तव प्रनुः // 32 // कपिकडूलतानेना-सिंगिताशुलमिलता // यन्मया सह दुमेंधो। युबै मृगयतिस्म सः // 33 // मायन्मदेन मां दृष्ट्वा / गर्जतं जलदोपमं // मंदधीरधिकंमन्य-स्त्वत्प्रनुः शरजायते // 34 // पूर्व निर्जत्सितोऽप्येष / पुनः किमिति जाषते // अथवा न हि मूर्खाणां / प्रत्ययस्तामनां विना // 35 // पराजयौषधं दत्वा / बित्वा मानमयामयं / एष सुस्थीकरिष्ये तं / निषग्वर श्वातुरं // 36 // सर्वांगोछ्वसितो राजा / त्रुटस्कवचकंचुकः // आदिशत् सैनिका सैन्यं / सज्जं कुर्वतु सत्वरं // 37 // मतिचंअस्तदा मंत्री। नत्वा नूपालमब्रवीत् // अधुना मधुना तुल्यं / मम वाक्यं निशम्यतां // 30 // दृष्टस्त्वं वि. क्रमी राजन् / श्रूयते सोऽपि विक्रमी // नानालोकदयो भावी / युवयोयुध्यमानयोः // 35 // उजयोरिजयो -मानयोयुध्यमानयोः // पराजयजयो नैव / परं वृक्षक्षयो नवेत् // 4 // P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust