________________ मोः समीपेगा-तं वृत्तांतमचीकथत् // पूतः प्रभूतकोपेना-रक्तनेत्रपयोरुहः // ए॥ नि शम्य तस्य वाक्यानि / करकंगोरभूत्तनौ // स्वानाविक्या समं कंम्वा / युद्धकंमू सहायिनी चरित्र // ए७ // सर्वांगोड्वासमासाद्य / सद्यः कोपारुणेक्षणः // सेवकानित्यत्नाषिष्ट / सऊसैन्यं वि धीयतां // एए // एकोऽप्येष महाघरट्टपुटवत्पेष्टुं पटीयानहं / सजेनास्मि नुजहयेन सकलान्माषानिव षिणः॥ जो जो नृत्यजना जवनिरसितः सन्यैः समैः सादिनि- व्यं तत्र नरांगणे नरपतिः प्रोवाच सर्वानिति // 600 // उत्तिष्टन्नासनात्पूर्वा-चलादिव दिवाकरः // राजापि शुशुन्ने क्रोधा-ज्ज्वलन्नारक्तदेहलाक् // 1 // आदाय खजमुख्यानि / शस्त्राणि तं. च दंगकं // निर्जगाम गजारूढो / नगरानगरेश्वरः // 2 // तदा प्रस्थानवादित्रै—रवादि प्र. तिशब्दिभिः // जेजू रणरणकतां / रणे शूरा मन खिनः // 3 // उझराः सिंधुरा नैके / पुर्धराकारधारिणः // जूधरं परिवत्रुस्तं / जंगमा श्व भूधराः // 4 // खुराघातक्षमापीठ-स्फोटका घोटकास्तदा // अत्युच्चैःश्रावसोऽभूवन् / भूपसंनिधिवर्तिनः // 5 // महारथा रथारू. ढाः / प्रौढप्रौढिमधारिणः // रणोत्सवोत्कसर्वांगा / नेजुः पद्मावतीसुतं // 6 // पदातयो म- | PP.AC.GuriratnasuriM.S. Jun Gun Aaradhak Trust