________________ चूतले // 45 // वंशयष्टिनिमित्तं य-श्चकार कलई हिजः // करकंठं स शुश्राव / श्रीकां- || चनपुराधिपं // 46 // सलोनः प्रतिपन्नस्य / ग्रामस्य ग्रहणाय सः॥ आजगामाजिरामांगपद्मावत्यंगजांतिकं // 4 // विनयं सूचयन् सम्यक् / प्रणम्य पदपंकजं // योजयित्वा करौ राझो-ऽसावपातीदिमां स्तुति // 4 // राजंस्त्वद्यशसा कृते त्रिजुवने गौदीर गौरप्रने / मन्येऽन्येष्वपि संज्रमं निजपतेराशंकमाना सती // आलिंग्यैव पतिव्रता स्थितवती गौरीश्वरं सादरं / रोहिण्याप्युपलक्षणाय विहितो लदमांकितश्चंद्रमाः // ४ए // राजन् कीर्तिनिदानदाननिवहं सम्यग्ददानस्य ते / दृष्ट्वैतामवतारतो बहुतमां शोनां धरती धरां // दैवौकेः किल दानवारिजननृबजाजरादंबर-मध्योदाद्यदि नैतदस्ति. किमहो व्योमांबरं कथ्यते // 50 // भूप त्वत्प्रनवप्रतापविनवानाखानयं निर्जित-स्त्यक्त्वा भूमितलं जगाम गगनं तत्रापि शंकाकुलः // संतापादिव वर्ततेऽनवरतं तातप्यमानस्तनौ / कृत्वा पादसहस्रमाशु ग. मनान्यासं वितन्वन्निव // 51 // जो नूपाल रणांगणे रिपुगणे व्यापारिता पुष्करं / कुर्वाणो|| ऽस्यनिघातजातवशतः स्फूर्जत्स्फूविंगाकुलं // शंकां खगलतेति ते वितनुते बाणावृतार्कप्रनं / / P.PAC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust