________________ प्रत्येक // 17 // अथवाहमपुत्रोऽस्मि / तेन मे कुलदेवता // एनं सुतमदान्नूनं / पूज्यमाना दिवा- | निशं // 27 // एवं विचिंत्य चमालो / गृहीत्वा बालकं करे // निधानमिव संप्रातं / जार्यायै चरित्र प्रददी मुदा // 25 // सापि दृष्ट्वा हृदा तुष्टा / स्फुरखोमांचकंचुका // मेघवृष्टेरिव स्पष्टं / / प्रादुर्जूतोंकुरा धरा // 20 // दंपतीच्यामपुत्रान्यां / प्राप्ते तस्मिन् स्तनंधये // चिंतामणौ दरिजेणे-वातोषि महिमावति // 1 // गूढगर्जा पुरैवासी-सुतं प्रासूत सांप्रतं // इति | लोकप्रथा जई। लोकाः खलु बहिर्मुखाः // 2 // पद्मावती निजं बालं / गतं चांमालवेश्मनि // विज्ञाय हृदये पूना / सखेदा सत्यचिंतयत् // 23 // मया ज्ञातमजूदेष / कस्मैचियदि दास्यते // तदा झातखरूपेऽस्मिन् / मां मोहों मम वर्धतां // 24 // अयं जाग्यात्मशानेऽपि / त्यक्तः सन् भूतुजादिना // आदास्यते न तजातं / धिग्मां दुर्मतिषितां // 25 // अयें चांमालगेहस्थो / नविता मलिनः खलु // निर्मलं किमु वासः स्या-न्मलिनं न मलस्थितं // 26 // निर्मला निर्मला एव / तिष्टंतोऽपि मलेऽथवा // अश्यामलः श्यामलव्योम-सं-| // स्थोऽपि न किमयमा // 2 // संगो न जायतें नूनं / सदसद्गुणकारण // मणिविषधरशिरः P.P.AC.Gunratnasuri M.S. . . Jun Gun Aaradhak Trust