________________ विलपत्यंगजे शुचा // शोकाकुलापि मदन-रेखा दक्षत्यांचंतयत् // 7 // नूनं पापेन भुपै- / / न / मदर्थ बांधवो हतः // अथैनं चंद्रयशस-मपि पापी हसिष्यति // 3 // ततः सर्वख.. चरित्रं| भूतं मे / शीलं मलिनयिष्यति // तन्ममास्मिन्नवस्थानं / स्थानेऽनर्थंककारणं // 4 // तदि. तः कुत्रचिजत्वा / स्वशीलं पालयाम्यहं // प्रियं प्राणार्थपुत्रेन्यः / सतीनां शीलमेव हि // // 5 // एवं विचिंत्य शोकांते / पुत्रे परिजने च सा // मंदं मंदमविज्ञात-निर्गमा निर्ययो ततः // 6 // खजावान्मंथरगति-गर्जनारा हिशेषतः // सा तथापि शीलनंग-नयाठीघेतरं ययौ // // अथो मनोरथो मार्गे / खयं पापेन शंकितः // जयजीतो वजन् वेगादृष्टौ पुष्टाहिना क्वचित् // 7 // मूर्छितः पतितः पृथ्व्या-मेकाकी करुणं रटन् ॥साकंदं पीमया मृत्वा / चतुर्थ नरकं ययौ // ए // शृगालैस्तस्य देहोऽपि / रात्रौ तत्रेय नदितः // उत्कृष्टपुण्यपापानां / फलं तत्दणमेव हि // ए० // प्रजातावसरे सई-मिलित्वा राजपूरुषैः | // विधिना देहसंस्कारो / युगबाहोर्विनिर्ममे // ए१ // दृष्ट्वा मनोरथस्यापि / देहखमानि का|| निचित् // तं परासुं विदांचक्रुः / सर्वे सामंतमंत्रिणः // ए३ // पुत्रो मदनरेखाया। राज्य- / P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust