________________ चरित्र कृताझानतपा मृत्वा / सुदर्शनपुरेशितुः // महाबाहुमहीशास्तुः / स सुतोऽभून्मनोरथः // // 30 // त्रिविक्रमनरेंद्रोऽपि / मृत्वा तस्यैव बांधवः // लघुरप्यलघुर्जज्ञे। युगबाहुगुणोत्करैः // 35 // मृत्वा रतिविलासा सा / सुशासननृपांगजा // एषा मदनरेखाभू-चंद्ररेखोदरोन्न|| का॥४०॥ शंजल्यप्याप्य पंचत्वं / सा परिवाजिकाजनि // पादुकाहरणोत्पन्न-रुषा रति. // विलासया // 4 // उष्टे त्वं कुर्कुरीतोऽपि / निकृष्टासीत्यत्नाणि यत् // नवेऽस्मिन् कर्मणा तेनं। कुर्कुर्येषा कृता तया // 42 // मिष्टमेव हि वक्तव्यं / नानिष्टं च वचः क्वचित् // दीयते को-किलानिः किं / काकैः किं हियतेऽथवा // 43 // एवं मदनरेखायाः। प्रापुष्कृत्य जवांतरं // तिरोबभूव सा देवी / जिनशासनर क्षिका // 4 // श्रुत्वा मदनरेखापि / तदा पूर्वनवं निजं // संजातजातिस्मरणा / सर्व साक्षादलोकत // 45 // मिलिष्यति कथं मेऽथ / स पूर्वनववबजः // इति चिंतातुरा जज्ञे / सा नरेश्वरनंदिनी // 46 // विद्यासिझोऽवदत्ताव-भजे किं चिंतयातुरा // धन्या त्वमेव यस्याः सा-ऽध्यक्षा शासनदेव्यभूत् // 4 // नवांतरवरं न // / मेलयिष्याम्यहं तव // चिंता न कापि कर्तव्या / लगिन्यास्त्वं ममाधिका // 4 // पुत्री-| PP.A6. Gunratnasuri M.S.. Jun Gun Aaradhak Trust