________________ प्रत्येक चरित्र पुरसाम्राज्यं / दः पूर्वनृपासने // निवेश्य शस्यजाग्याय / तस्मै सामंतमंत्रिणः // 27 // कन्याः पूर्वनृपस्याष्टा-वेतस्य परिणायिताः // जुक्ते नोगान् समं तानि-र्नुजन् जोगपुरेशतां // 27 // सोऽन्यदाथ गवाक्षस्थः / क्रियमाणाममारिणा // श्रीमवदेवसूरीणां / संघपूजामलोकत // ए // लक्ष्मी नेवासे विलसद्गुणाढये / संश्रूयमाणध्वनिषट्पदोघे // धन्यस्य कस्यापि गृहांबुजाते। श्रीसंघहंसः प्रददाति पादं // 30 // चिंतयच्च चित्ते स / श्रीसंघो यस्य मंदिरं // अलंचक्रे स पुण्यात्मा / नावनां जावयन्नृपः // 31 // तत् श्रुत्वा हृष्टयावाचि / तावद्रतिविलासया // युक्तियुक्तमिदं खामिन् / नवता प्रतिपादितं // 32 // मानं दानं सु. पात्रेषु / गीतगानं निरंतरं // बंदिनां जयशब्दश्च / जायते धन्यसद्मनि // 33 // दानानुमोदनादेवं / शान्यां पुण्यमुपार्जितं // प्रवृत्तं च खयं संघ-पूजादिसुकृतेष्वलं // 34 // त्रिविकमनराधीशो। गुरूपांतश्रुतश्रुतः // धर्मकर्मोद्यनं. कुत्र-श्चिरं राज्यमपालयत् // 35 // इतश्चांतःपुरीमुख्य-परिवारवृतोऽपि सः // जयमंगलभूपालो / विना रति विलासया // 36 // / राज्यराष्ट्रादिकं सर्व / मन्यमानो निरर्थकं // राज्ये नंदनमारोप्य / तापसवतमाददे // 37 // // MP.P.AC Gunratnasuri M.S... Jun Gun Aaradhak-Trust