________________ प शावास्यादिति कुर्वती / सान्यदा प्राप्तयौवना / / पूजयित्वा जिनं जक्त्या-र्चयबासनदेवतां // 73 // तदअतः कृतध्याना। सावधाना नृपांगजा // ऊचे कुतश्चिदागत्य / परिव्राजिकया कया // // रे-बाले बालबुझे किं / पाषाणः पूज्यते त्वया // आराध्यसि न किं त्वं 'म / सर्वसिद्धिविधायिनी // 5 // अंथो मदनरेखाख्यद् / उःखदौर्गत्यपुते // पूर्व कुर्वा| मनः सौख्यं / सर्वः खात्महितो जनः // 76 // देवस्त्रैलोक्यनाथोऽसौ / पार्श्वनाथोऽर्चनो|| चितः // शासनोत्सर्पणक: / सैषा शासनदेवता // 7 // अनयोः सेवनान्नूनं / लज्यते सर्वमीप्सितं // साक्षादारिद्यमुसायाः / किं साध्यं तव सेवनात् // 7 // इत्यादियुक्तियुक्तो| क्त्याः। कुमार्या सा निराकृता / निर्वासिता ततः स्थाना-त्पराभूय संखीजनैः // एकथी अंतिकरोम्यस्या / राजपुत्र्या वराक्यहं // परिवाजिकयाचिंति / चिरमित्यतिरोषतः // // स्मृतोपायाऽचिरादासी-मेकां सा खवशां व्यधात् // जलांतरोषधीचूर्ण / तस्या हस्ताददापयत् // 7 // तस्य प्रनावतो जथे / कुमारी कुर्कुरी दणात् // ते परिबांजिकादास्यौ। राझा निर्वासिते पुरात् // 2 // राज्ञाज्ञातानिरस्मानिः / सहितासौ नृपात्मजा // श्रीमलास- / / PAC Gumratnasuri MS