________________ म मिदं व्यधाः // 36 // एवं विलपतस्तस्य / विकलीभूतचेतसः // इति चेतसि वाती मृतो | घन्मे न बांधर्वः // 37 // हेलया येन संग्रामे / हातः पद्मः ससैनिकः // स कथं शूलमात्रण चरित्रं / विनश्यति महाबलः // 30 // पर शूले समुत्पन्ने / यत्सारा न मया कृती // ततोऽयं बाधवी शन || सटोनिमया सह वक्त्यपि यी 3 // अथैनं मानयिष्यामि / प्रातरं स्वं यथा तथा ॥ध्या॥ वेति कंउमालिंग्य / जप जैदपैकदैत्यवक् // // उत्तिष्टोत्तिष्ट हे ब्रीतः / प्रातःसमय एकः // सजालंकरणीयः / भूयो नाषय भूपतीमा 45 // प्रसीद प्रणतोऽस्म्यषी-उपरी, तं दमन मे // मतानामपस, त्वं / क्षमसे वैरिणामपि // 45 // श्रोसिलिंग मुहुः कं / प्रपनास पदों मुडः // जल्प जपेति जल्पन स / रामोऽतीयाय तो निशे // 4 // प्रातः || प्रक्षाल्य तस्यायं / निधायाजरणानि च // उत्थाय्यारोपयामों / हरेर्दै सनतिरे॥॥ येस्त प्रयासमाचष्ट / तं परासुं विनिर्ममे // निहत्य मुंशवनाशुमसेनों रुषातुरः // 45 // समानांगरागाजरण-स्थापनोत्थापनादिकं // रामः स्वयं शवस्यादि / चक्र स्नेहविमोहितः // 3 // रामजीत्या समस्तैस्तै-पैः संसेवितं सदा / दरिदैई समानीय / स सनायों न्य Jun Gun Aaradhak Tu P.P:Ac. Gunratnasuri M.S.