________________ प्रत्येक शक्नोमि / तन्मे पूर्व दिशाशनं // 1 // कुमारस्तत्दणं नृत्यै-रानाय्य वरनोजनं // अदापयः यदा ताव-हायसः पुनरज्यधात् // 7 // कुमार त्वं स्वहस्तेन / यदि दास्यसि नोजनं ॥तदा दास्येऽन्यथा नैव / दाक्षिण्यात्स तथाकरोत् // 33 // कुमारे निजहस्तेन / तस्मै दिशति जोजनं // काको विद्याधरो जज्ञे / दिव्यरूपमनोहरः // 4 // पंजरं तत्क्षणं चाभू-हिमानं विस्मयप्रदं // कुमारश्चावदहिया-धर विस्फारितेक्षणः // 5 // विमानमीदृशं केन / किमर्थ पजरं कृतं // काकाकारो नवांश्चेति / ततो विद्याधरोऽब्रवीत् // 6 // कुमार शृणु वृत्तांतं / सावधानेन चेतसा // वैताढ्यशैलालंकार-मस्ति श्रीवलनं पुरं // 7 // तत्रेशो देवदिन्नोऽनूतत्पट्टे सांप्रतं नृपः // चाता सागरदत्तस्ते / प्रतिपालयति प्रजाः // 7 // तद्नृत्यस्तीत्रवे. गोऽहं / विद्याधरनरेश्वरं // सुखावस्थानसाम्राज्य-साजज्ञापनहेतवे // ए // एतहिमानमारोप्य / स्वामिना प्रेषितोऽनवं // हरिषेणनृपोपांते / स्वांते संतोषमावहन् // 70 // स्वामिमानसमुत्पन्ना-मानमानो विमाननाक् // संचरन् गगने वेगा-समागामिद तत्क्षणं // 1 // अत्र ध्यानवनांतःस्थ-मनसिंहो महामुनिः // बासीद्वनजान्वाख्यो। देवसंसेवितक्रमः // / P.P.AC. GunratriasuriM.S. Jun Gun Aaradhak Trust