________________ // रथान् // 6 // श्रुत्वेति वासुदेवोऽवक् / कोऽयं राजा प्रियध्वजः // नाद्य यावन्मया दृष्टो।। प्रत्येक नागाच श्रुतिगोचरं // 61 // ततस्तैरुदितं सर्वं / तच्चरित्रं पुरोदितं // निशम्य विस्मयं भेजे चरित्रं / हर्ष च हरिषेणराट् // 6 // पुत्रं सागरदेवाख्य-मायदाकार्य कार्यवित् // वत्स गठ समाग / परिणीयोत्सवेन तां // 3 // इत्यादिष्टो नरेंजेण / कुमारःसारजाग्यजाक् // चतुरंगचमूयुको-चालीयदपुरंप्रति // 64 // क्रमेण स प्रयाणानि / कुर्वाणोऽतीत्य निवृतः॥प्राण्याकीर्ण महारण्यं / प्राप्य सैन्यमवासयत् // 65 // अथैकस्य तरोस्तार-तरशाखावलंबितं // स्वर्णपंजरमलाक्षी-स काकाधिष्टितांतरं // 66 // अहो किमेतदाश्चर्य / कुमार इति चिंतयन् ॥तस्यान्यणे समेत्योचे / वायसं पंजरस्थितं // 6 // किं कीरवत्किंचन पाठकस्त्वं / किं के किवत्किंचन नृत्यकारी किंसुस्वरः कोकिलवच्च काक / हैमं कुतः पंजरमाश्रितोऽसि // 6 // काक उवाच-काकेन साकं // समशीर्षिका का / केक्यादिकानां बलिमनि योऽहं ॥प्रदाय जागं निजबांधवेन्यो। हैमं ततः पंजरमाश्रितोऽस्मि ॥६ए // कस्त्वं केन कृतश्चैव-विधरूपः प्ररूपय // अस्मिन्निर्मानुषेऽरण्ये / दिप्तः किं केन पंजरे // 70 // काकः प्राह कुमारेंज। बुजुक्षाकुलितोदरः॥ अहं वक्तुं न / P.P.AC-Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust