________________ 11 संगा--कुंठोत्कंगासमाकुलः॥ 42 // संस्मृत्य यददत्तां तां / विद्यामाकाशचारिणीं // यदमा- // पृच्छ्य पत्नीनिः / सहैवोदपतन्ननः // 43 // आजगाम विमानस्थो / लक्ष्मीपुरपुरोपरि ॥त: दानादीदंतरिदं / समग्रं धूमधूमरं // 45 // किमेवमिति संत्रांतो। यावत्सम्यक् स पश्यति // तावञ्चितासमीपस्थां / स्नानजिन्नकचांचितां // 45 // समौलिकंपं लोकेन / वीक्ष्यमाणां कृपावुना // तत्साहसेक्षणोत्पन्ना-मिताश्चर्ययुतेन च // 46 // वत्से त्वमुत्सुका माभूरागमिष्यति ते प्रियः॥बुजुक्षितानुरोधेन / पच्यते किमुदुंबरः // 4 // मृतायास्तव नविता / कथं वद्वजसंगमः // चिताप्रवेशं कः कुर्या-दविवेकिजनोचितं // // एवमादिप्रकारेण / मिलितैः स्वजनैर्घनैः // संप्रसादं सरोषं च ।वार्यमाणां मुहुर्मुहुः // 4 ॥प्रस्थानस्थितपत्यग्रे / या मया माययाश्रिता // प्रतिज्ञा विहिता तां हि / हिताः सत्यां करोम्यहं // 5 // प्राणा यांतु श्रियो यांतु / यांतु सर्वसुखानि च // एकैव शाश्वती वाणी। सर्वदैवावतिष्टता // 51 // बोधयंती समस्तांस्ता-नुत्तरै रित्युनत्तरैः // उत्पतंती महोत्साहा-त्सोऽपश्यद्देवसुंदरीं // 55 // अष्टनिः कुलकं // हा मया शीलशालिन्यां / कुविकल्पो विनिर्ममे // अस्यां / / .P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust