________________ चरित्रं प्रत्येक / सप्ततिसहस्राणि / द्वात्रिंशन्नाटकानि च // 6 // इत्यादि चक्रिणो लम्या / संगते स्वपुरा- || गते // चक्रिपट्टानिषेकश्च / तस्मिन्नृपे कृतो नृपैः // 60 // जज्ञे छादश वर्षाणि / सदृगेव महान् महः // चक्री तत्र सुखेनास्थात् / षट्खंमाखमराज्यजुक् // 6 // // अथान्यदा पुष्पर७६ वतीं / विछोयवदनांबुजां // चक्री चिंतातुरां दृष्ट्वा / पृष्टवानिति सांजसं // 70 // करीर. हवदेवि / विद्याया किमु दृश्यसे // व्याधिर्वाधिः शरीरं ते / सांप्रतं बाधते किमु // 1 // तयोक्तं त्वत्प्रसादेन / बाधा काचिन्न मे प्रनो // परमेकोऽपि मे सूनु-नेति खिद्येऽहमन्वहं // // 7 // चक्रिणोक्तं प्रिये नात्र / खेदः कार्यों मनागपि // अहं तथा यतिष्ये ते / नविष्यति यथा सुतः // 73 // सोऽस्मादिश्र पूर्वोक्तां / यक्षिणीं जयसुंदरीं // अतुल्यकल्यवात्सल्य -बलबाहुल्यसुंदरीं // 4 // आगता स्मृतिमात्रेण / सा जजल्प पुरः स्थिता // अनपनाग्यसोजाग्य-सुनगाहं स्मृता कुतः // 5 // चक्रिणोक्तं पुष्पवतीं / देवि पुत्रवती कुरु // ए. | तदर्थे स्मृतास्मि त्वं / सर्ववहीवेप्सितप्रदा // 6 // अवधिज्ञानविज्ञात-जवितव्यतया // तया // अजाणि भूपते नावि / पुष्पवत्याः सुतघ्यं // 7 // स्वप्ने प्रक्ष्यत्यसौ सिंहा-वत्रानिझानमस्त्यदः APP.Ac- GunratnasuriM.S. . Jun Gun Aaradhak Tlust.