________________ र श्चिदस्त्येष / तथापि नविता स्फुटः // पश्चाइमं करिष्यामि / तस्य प्राणप्रहाणकं // 34 // || | विमृश्येति कृते तेन / तिलके तागेव सः // तिष्ठन्नाजाषितः कोऽसि / रे रे प्रचन्नतस्कर // चरित।। // 35 // मम प्रियतमा हृत्वा / किमेव मिह तिष्ठसि // गृहाण शस्त्रमन्याय-फलं यदर्शयामि ISH|| ते // 36 // तावदाख्यत् स्फुटीभूय / कुमारः सारमत्सरः // देदीप्यमानो उप्रेक्ष्यः / कल्पां। तस्येव जास्करः // 37 // तातादत्तामनिबंतीं / कन्यां हरसि रे खयं चौरं च कथयस्यन्यं / तत्पश्यान्यायजं फलं // 30 // प्रगुणीकुरु शस्त्राणि / निर्गल जिनमंदिरात् // उन्नावपि जटावेवं / जपतो निर्गतो ततः // ३ए // युझमारब्धवंतौं तौ / कुमारमणिकुंमलो // उबलंतो पदाघात-कंपितदोणिमंगलौ // 40 // नदतोः सिंहनादेन / पौरुषं ददतोस्तयोः॥प्रतिशब्दलयाबैला / अनुवाद मिवादधुः // 4 // खजाखजि महाघोरं / कुंताकुंति शराशरि // तयोरभूतथा युद्धं / यथा दृष्टुं न शक्यते // 42 // उजावपि महाबाहू / विविधायुधवर्षिणौ // युध्यमानाविमौ दृष्टुं / मिमिनुव्योंन्नि देवताः // 43 // दणं भूमौ दणं व्योनि / पंतनोत्पतनादिनिः॥ वासयंती सुरांश्चापि / युयुधाते चिरं नटौ // 44 // वीणेषु सर्वशस्त्रेषु / महामला - 10-12 PRAcconratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust