________________ प्रत्येक // 11 // कुमारेणोक्तमेवं चे-दानयाम्यत्र ते पतिं / सहर्षया पुष्पवत्या / तावदेवं प्ररूपितं // 1 // // 11. // जो सत्पुरुष जानासि / यत्रास्ति मम वजः // किंवयाः कीदृशाकारः ।कुमारः सोचरित्र अस्ति तद्रः // 13 // विहस्योक्तं कुमारेण / यत्राहं तत्र स्रोऽपि हि // न जिन्नो मघ्योजीव --रूपलावण्यलक्षणैः // 14 // इत्याकर्ण्य प्रमोदेन / द्विगुणीभूतविग्रहा // पुष्पितेवाजवत्पुरूप-वती रोमांचसंचौः // 15 // उवाच सा सलोव / प्रणताननपंकजा // खामिन् पूर्वमपि ज्ञातो / मया प्राणप्रियो जवान् // 16 // प्रसय प्राणनाथाद्य / मा खेदय निवेदय // सत्यं खरूपमात्मीयं / संतः सत्यवता यतः // 27 // कुमारेण ततः प्रोक्तं / समग्रं पूर्ववर्णितं // खखरूपं समानीय / कलहंसी च दर्शिता // 17 // कलहंस्या ततोऽजाणि। स्वामिन्नस्या मनोरथान् // पाणिग्रहणमाधाय / पूरयस्व सुरवत् // १ए.॥ मीनध्वजकलहस्योः। समदं तत्र तरवणं // तां गंधर्वविवाहेन / कुमारः परिणीतवान् // 20 // ततः पुष्पवती प्राह / सं. लाव्य खेचरागमं // खामिन् क्लेशकरं स्थान-मिदं पूरं विमुच्यतां // 1 // माकार्षी छिप्रियं / किंचि समेत्यात्र त खेचरः // विदस्योचे कुमारेण / प्रिये मा कातरा जव // 25 // शिक्षा | - Jun Gun Aaradhiak Ti P.P.AC. Gunratriasuri M.S... .